SORRY मम्मी-पापा, यह मेरी गलती है: नकल प्रकरण बनने से डिप्रेस्ड थी आरक्षक की बेटी

 इंदौर के भंवरकुआं थाना क्षेत्र के हॉस्टल में रहने वाली छात्रा ने सुसाइड से पहले परिवार के लिए यही आखिरी लाइनें अपनी कॉपी में लिखीं। तीन दिन पहले कॉलेज में केमिस्ट्री के पेपर में नकल प्रकरण बनने के बाद से छात्रा डिप्रेशन में थी।

 SORRY... खुश रहना आप सब। मम्मी-पापा यह मेरी गलती है। किसी की कोई गलती नहीं है। गलती सिर्फ मेरी है, आपने मुझ पर इतना विश्वास कर मुझे भेजा और मैंने... मयंक को अच्छे से पढ़ाना। घर में खुश रहना और मेरी जगह वह आपका नाम रोशन करेगा।

परिवार का कहना था कि रेणुका पढ़ाई में अच्छी थी। वह पढ़ाई करते वक्त कभी हथेली पर तो कभी अपने हाथों पर पेन से लिख लेती थी। बचपन में भी इस आदत के लिए मां-बाप ने कई बार उसे डांटा था, लेकिन रेणुका की यह आदत नहीं छूटी। सिर्फ हाथ पर कुछ शब्द लिखे देखकर कॉलेज प्रबंधन ने रेणुका का नकल प्रकरण बना दिया।

थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया के मुताबिक रेणुका पिता नारायण धाकड़ माता जीजा बाई कॉलेज में B.sc थर्ड ईयर की छात्रा थी।​​​ वह बरेली, ग्राम पिपरिया मोती तबेला की रहने वाली थी। वह भंवरकुआं इलाके में एक हॉस्टल में रहती थी। रेणुका के परिजनों ने पुलिस को बताया कि 3 दिन पहले उसका केमिस्ट्री का पेपर था। पेपर के दौरान कॉलेज प्रबंधन ने रेणुका का नकल प्रकरण बना दिया था। छात्रा ने नकल नहीं करने की बात कही थी, लेकिन इनविजिलेटर ने उसकी बात मानने से इनकार करते हुए उसे कॉलेज से निष्कासित कराने की बात कही।

रेणुका के पिता नारायण धाकड़ बनखेड़ी होशंगाबाद में पुलिस आरक्षक हैं। रेणुका ने कॉलेज के प्रकरण को अपने पिता को फोन पर बताया था। इस पर पिता ने इंदौर आकर कॉलेज प्रबंधन से बात करने का कहा था। रेणुका ने उनसे कहा था कि 21 तारीख को मेरा पेपर है, मैं वह पेपर देकर आपसे बात करती हूं, लेकिन उसने डिप्रेशन में आकर 20 अप्रैल की रात ही हॉस्टल के कमरे में फांसी लगा ली।